भारत

1984 के वो काले दिन आज भी रोंगटे खड़े कर देते हैं— सिख विरोधी दंगों पर बोले हरदीप सिंह पुरी

नई दिल्ली 
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की बरसी पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि वे उन दिनों को याद कर अब भी सिहर उठते हैं, जब निर्दोष सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की निर्मम हत्या की गई और उनकी संपत्तियों व पूजा स्थलों को लूटा गया। पुरी ने कहा कि दंगे को कांग्रेस नेताओं और उनके सहयोगियों की ओर से निर्देशित हिंसक भीड़ ने अंजाम दिया, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के नाम पर शुरू हुआ।
 
हरदीप सिंह पुरी ने पोस्ट में लिखा, 'पुलिस को मूक दर्शक बनने के लिए मजबूर किया गया, जबकि सिखों को उनके घरों, वाहनों और गुरुद्वारों से खींचकर जिंदा जलाया जा रहा था। राज्य मशीनरी पूरी तरह उलट-पुलट हो गई थी, जहां रक्षक ही अपराधी बन गए थे।' उन्होंने आरोप लगाया कि सिखों के घरों और संपत्तियों की पहचान के लिए मतदाता सूचियों का इस्तेमाल किया गया। कई दिनों तक भीड़ को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

राजीव गांधी के बयान का भी जिक्र
भाजपा नेता ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने बयान 'जब एक बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है' से सिखों की हत्या को खुला समर्थन दिया। हरदीप पुरी ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता गुरुद्वारों के बाहर भीड़ का नेतृत्व करते नजर आ रहे थे, जबकि पुलिस चुपचाप तमाशा देखती रही। कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्थाएं अपनी अंतरात्मा को त्यागकर इन नेताओं को खुली छूट दे रही थीं। यह बयान 1984 के दंगों की बरसी पर आया है, जो इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के थे और जिसमें हजारों सिखों की जान गई थी।

मणिपुर में क्रिसमस के दिन भी भारी गोलीबारी से दहल उठा, भारी सुरक्षाबल तैनात

Related Articles

Back to top button